Diksha Thakur

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लेखनी प्रतियोगिता -03-Nov-2022

बादलों की शीतलता 

बादल छाए बादल छाए ,
देखो कितने प्यारे हैं 

रंग है इनका काला-काला, 
पानी से ये भरे हैं।

ठंडक लाते हैं यह बादल,
शीतलता भी ये लाते हैं। 

जब बरसते हैं ये बादल,
तो चारों ओर शीतलता फैला देते हैं 

मन को ठंडक पहुंचाते ये बादल, 
तन को भी शीतल करते यह बादल। 

बादलों की शीतलता से 
झूम उठे हैं सारे किसान। 

बादलों की शीतलता से 
आ गई है उनकी फसलों में बहार। 

दीक्षा ठाकुर ✍✍✍

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16 Comments

Suryansh

08-Nov-2022 09:19 AM

बहुत ही सुंदर सृजन

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Mahendra Bhatt

04-Nov-2022 11:30 AM

शानदार

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Diksha Thakur

04-Nov-2022 03:31 PM

Thank you

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Abhinav ji

04-Nov-2022 09:27 AM

Very nice👍

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Diksha Thakur

04-Nov-2022 03:31 PM

Thank you

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